सांझ की लालिमा में नहाया ये दृश्य किसे दीवाना न बना देगा।
An evening at Aath Kua Nau Bawdi . PC: Pawan Singh Baish |
साँझ होते ही पंछी घोसलों की ओर लौट पडे हैं। सूरज ने प्रेम से सराबोर हो क्षितिज को लालिमा से रंग दिया। यह प्रेम ही तो है जिसका रंग सांझ के धुंधलके में चढा है। मन जब स्मृतियों में खोता है, तब ऐसे ही रंगीन दृश्य आँखों की पुतलियों पर छपते हैं। दुनिया की आपाधापी को भूल, शहर भर के शोर को चीर कर जो सुकून हासिल होता है, उसका कोई मोल नहीं। किसी दुकान, किसी बाजार से उसे खरीदा नहीं जा सकता। यह तो बस ऐसे ही मिलता है।
सुख और सुकून की खातिर तमाम जतन करते परेशान लोगों को चाहिए कि वे ऐसी किसी शाम की आगोश में डूब जाएँ। तब उनके अंतःक्षितिज पर जो लालिमा होगी, वह उम्र भर की उहापोह पर मरहम-ए-सुकूँ लगेगी।
बहरहाल, बहरकैफ़
यह दृश्य है हिन्दुस्तान के सबसे सुरक्षित और अजेय किलों में शामिल अत्यंत प्राचीन नरवर दुर्ग पर स्थित आकर्षक पर्यटक स्थल - आठ कुआँ, नौ बावडी का।
Team : Narwar Darshan
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