शुक्रवार, 28 जुलाई 2023

नरवर किले के कच्चे रास्ते पर लगाए जाएँगे पेवर ब्लॉक्स बनेगा ड्रैनेज

नरवर किले के कच्चे रास्ते पर आना जाना होगा सुविधाजनक, लगाए जा रहे हैं पेवर्स एवं पानी की निकासी के लिए बनेगा ड्रैनेज।


 

पुरातत्व विभाग की स्वीकृत राशि से नरवर किले पर बन रही रोड़ में जो किन्हीं कारणों से अधूरी छूट गयी, उसकी शेष 40 लाख रुपए राशि लोकनिर्माण विभाग के पास बची हुई थी। जिसे बहुत प्रयासों के बाद वापिस लेकर नरवर किले पर डाली गई कच्ची रोड़ पर पेवर ब्लॉक्स लगाने में उपयोग की जाएगी।

कार्य के संबंध में जानकारी देते हुए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, भाजपा श्री संदीप माहेश्वरी जी ने बताया कि उक्त 40 लाख रुपए की शेष राशि से किला रोड़ पर पेवर्स एवं ड्रैनेज का जितना भी अधिकतम कार्य हो सकता है, वह कराया जाएगा। इस हेतु बीते रोज भूमि पूजन किया जा चुका है और यथाशीघ्र कार्य प्रगतिरत होकर पूर्णता को प्राप्त होगा।

किले की कच्ची रोड़ पर पेवर्स और ड्रैनेज का कार्य होने से न केवल बाहर से आने वाले पर्यटकों को सुविधा होगी, बल्कि स्थानीय आमजनों को भी आवागमन में सुविधा होगी। इससे मिट्टी का कटाव रुकेगा और निचली बस्तियों में बरसात में होने वाली समस्याओं में कमी आएगी।
श्री माहेश्वरी ने इस कार्य में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहयोग देने वाले समस्तजनों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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गुरुवार, 27 जुलाई 2023

Eye Flu: आई फ्लू का कहर जारी, जानिए क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय? इलाज से बेहतर होती है रोकथाम

Eye Flu: आई फ्लू का कहर जारी, जानिए क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय? इलाज से बेहतर होती है रोकथाम

बारिश और उमस से फैल रहे मौसमी रोगों में आई फ्लू कहर बनकर उभरा है। लोगों को आंखों में जलन, लालिमा, खुजली और संक्रमण की शिकायत हो रही है। जिला अस्पताल के आई स्पेशलिस्ट डॉ. अर्जुन सिंह ने बताया कि संक्रामक रोग से परिवार के अन्य सदस्य जल्दी चपेट में आ रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) से बचने हेतु सुझाव प्रसारित किए गये हैं।

आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस (Eye Flu)बच्चों और बड़ों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। जिला अस्पताल और चाइल्ड पीजीआई और राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में एकदम से मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है। सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने मंगलवार से जिला अस्पताल में स्पेशल ओपीडी शुरू कराई है, जिसमें पहले ही दिन 207 मरीज आई फ्लू से संक्रमित मिले हैं। इससे पहले अस्पताल में रोजाना 170 के आसपास लोग इससे पीड़ित आ रहे थे। वहीं, बच्चों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी ने आई फ्लू से पीड़ित बच्चों को स्कूल न बुलाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे बच्चे स्वस्थ होने के बाद ही स्कूल आएं, जिससे अन्य छात्रों में इसका संक्रमण न फैले।



लोग कंजंक्टिवाइटिस के फैलने को लेकर तरह तरह के मीम्स शेयर कर रहे हैं।

गौर हो कि बारिश और उमस से फैल रहे मौसमी रोगों में आई फ्लू कहर बनकर उभरा है। लोगों को आंखों में जलन, लालिमा, खुजली और संक्रमण की शिकायत हो रही है। जिला अस्पताल के आई स्पेशलिस्ट डॉ. अर्जुन सिंह ने बताया कि संक्रामक रोग से परिवार के अन्य सदस्य जल्दी चपेट में आ रहे हैं। आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। वहीं, सेक्टर 30 स्थित चाइल्ड पीजीआई में आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सामान्य तौर पर यहां 40 से 50 मरीज आते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से 80 से 100 के मरीज आई फ्लू से पीड़ित आ रहे हैं।


चाइल्ड पीजीआई की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सृष्टि ने बताया कि मंगलवार को 82 मरीजों की ओपीडी हुई, जिसमें एक दो को छोड़कर लगभग सभी आई फ्लू से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतनी होगी, नहीं तो परिवार में एक चपेट में आने के बाद सभी लोग शिकार हो सकते हैं। इसी तरह राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हर पाचवां मरीज आंख की बीमारी से ग्रस्त है। संस्थान की नेत्र रोग विशेषज्ञ नंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि ओपीडी में इन दोनों आई फ्लू के मरीजों में इजाफा हो रहा है। ये मौसमी बीमारी है, इससे पैनिक होने की जरूरत नहीं है। लोगों को इस समय सावधानी और सतर्क रहने की बेहद जरूरत है। उन्होंने बताया कि 150 से 160 मरीजों की ओपीडी में करीब 50 से 60 से मरीज आई फ्लू वाले सामने आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आंख में दिक्कत होने पर डॉक्टर से सलाह लें, खुद से कुछ भी या कोई भी ड्रॉप का प्रयोग न करे। उधर, ग्रेनो वेस्ट के बिसरख सीएचसी में भी आई फ्लू और आंख में जलन वाले मरीजों की संख्या में पिछले एक सप्ताह से इजाफा हुआ है। सीएचसी में रोजाना से 10 से 15 मरीज पहुंच रहे है।




क्या है आई फ्लू

जिला अस्पताल के आई स्पेशलिस्ट डॉ. अर्जुन सिंह ने बताया कि आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण इसके लिए जिम्मेदार है। श्वसन तंत्र या नाक-कान अथवा गले में किसी तरह के संक्रमण के कारण वायरल कंजंक्टिवाइटिस होता है। संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख को भी चपेट में ले लेता है।

एम्स में 100 से ज्य़ादा केस रोज़एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जे एस तितियाल ने कहा कि एम्स में ऐसे रोजाना 100 मरीज आ रहे हैं। आमतौर पर एक से दो हफ्ते में यह अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन, कई बार साथ में बैक्टीरियल इन्फेक्शन जुड़ जाता है और यह ज्यादा सीवियर हो जाता है। उन्होंने कहा कि किस तरह का संक्रमण है, इसका पता लगा रहे हैं, जिसमें वायरस का स्ट्रेन का पता चल जाएगा और संक्रमित इंसान में वायरस के साथ बैक्टीरिया है भी या नहीं, इसका भी खुलासा हो जाएगा। इससे इलाज आसान हो जाएगा। अगर बैक्टीरिया भी है तो एंटीबायोटिक्स दिया जा सकता है।

ले सकता है एपिडेमिक का रूपसेंटर फॉर साइट के चीफ डॉ. महिपाल सचदेव ने कहा कि पिछले कुछ दिनो में संक्रमण दो से तीन गुणा बढ़ गया है। दिल्ली ही नहीं, पूरे देश में यह फैल रहा है। हैदराबाद, भोपाल, इंदौर, सभी जगह हो रहा है। अभी तो स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन जिस तेजी से यह फैल रहा है यह एपिडेमिक का रूप ले सकता है।

आई फ्लू के लक्षण :

1. आंखें लाल होना, जलन होना
2. पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होना
3. आंखों में चुभन और सूजन आना
4. आंखों में खुजली होना और पानी आना

बचाव के उपाय :

1. संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं, न ही उनकी वस्तुओं को छुएं
2. हाथों को नियमित रूप से साबुन या सैनिटाइजर से साफ करते रहें।
3. आंखों की सफाई रखें और ठंडे पानी से बार-बार धोएं।
4. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। भीड़ वाली जगहों से बचें।
5. आंखों को बार-बार हाथ नहीं लगाएं।
6. अगर संक्रमित आंख को छुए तो हाथ अच्छे से साफ करें।


साभार - NBT

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