नरवर किला घूमने के लिए मध्यप्रदेश शासन ने संस्कृति विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई है।
नरवर का किला कहाँ है?
नरवर का प्राचीन किला मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिलांतर्गत नरवर में स्थित है। यह जिला मुख्यालय शिवपुरी से उत्तर की ओर 45 किलोमीटर, झाँसी से पश्चिम की ओर लगभग 60 किलोमीटर और ग्वालियर से दक्षिण की ओर लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है।
नरवर के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन क्रमशः शिवपुरी, झाँसी और ग्वालियर हैं, जिसमें से झाँसी व ग्वालियर देश के लगभग सभी बडे शहरों से रेलवे से जुडे हैं।
नरवर किले का इतिहास क्या है?
नरवर महाभारतकालीन ऐतिहासिक नगरी है। जिसका उल्लेख महाभारत समेत अनेक प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। महाभारत के वन पर्व में नरवर के राजा नल-दमयंती की कहानी का उल्लेख मिलता है। जिसमें पांडवों के वनवास काल में महर्षि बृहदश्व धर्मराज युधिष्ठिर समेत पांडवों को राजा नल-दमयंती के अपने साम्राज्य को हारने और निषध देश से निष्कास की कथा सुनाते हैं।
इसके अलावा नरवर श्री लोढीमाता के चमत्कारों के लिए जाना जाता है तथा नरवर से आल्हखण्ड के प्रमुख नायक आल्हा ऊदल में से ऊदल से भी संबंध रहा है। बताते हैं कि नरवर ऊदल की ससुराल थी। आल्हखण्ड के दौरान नरवर को पथरीगढ के नाम से जाना जाता था। आल्हखण्ड में वर्णित बावन (52) गढ की लडाईयों में नरवरगढ की लडाई भी पथरीगढ के नाम से शामिल है।
बहुप्रसिद्ध ढोला-मारू की प्रेमकथा और मृगनयनी से भी नरवर का संबंध रहा है।
(इस लेख को लगातार अपडेट किया जा रहा है ...................)
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